सूरजकुंडअंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला 2025, एक नज़र सांस्कृतिक विरासत के इस अद्भुत आयोजन पर

सूरजकुंडअंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला 2025, एक नज़र सांस्कृतिक विरासत के इस अद्भुत आयोजन पर

हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित होने वाला प्रसिद्ध सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला 2025 इस वर्ष 7 फरवरी से शुरू हो गया है और यह 23 फरवरी तक चलेगा। यह मेला भारत की पारंपरिक कला, शिल्प और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला एक अनूठा आयोजन है, जिसमें देश-विदेश के कलाकार और कारीगर अपनी हस्तकला का प्रदर्शन करते हैं। इस वर्ष का आयोजन और भी भव्य और रंगीन होने वाला है, क्योंकि इसमें भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ बिम्सटेक संगठन के सात देशों की भी अहम भागीदारी हो रही है।

मेले की खासियत और प्रमुख आकर्षण
सूरजकुंड मेला भारत का सबसे बड़ा हस्तशिल्प मेला है, जिसमें पारंपरिक कारीगरों, लोक कलाकारों, संगीतकारों और सांस्कृतिक दलों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है। इस वर्ष मेले में करीब 1300 स्टॉल्स लगाए गए हैं, जहां हस्तशिल्प से लेकर व्यावसायिक उत्पादों तक की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है।

  1. बिम्सटेक देशों की भागीदारी
    इस बार मेले में अंतरराष्ट्रीय भागीदारी को और मजबूत करने के लिए बिम्सटेक (BIMSTEC) के सात देशों को विशेष रूप से शामिल किया गया है। इन देशों में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं। इससे पहले, मेले में केवल एक साझेदार देश को आमंत्रित किया जाता था, लेकिन इस बार इसे व्यापक रूप देकर दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया जा रहा है।
  2. दो थीम स्टेट्स: ओडिशा और मध्य प्रदेश
    हर साल सूरजकुंड मेले में भारत के किसी एक राज्य को थीम स्टेट के रूप में चुना जाता था, लेकिन इस बार दो राज्यों – ओडिशा और मध्य प्रदेश को थीम स्टेट का दर्जा दिया गया है।

ओडिशा स्टॉल: ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत को यहाँ खूबसूरती से प्रदर्शित किया गया है। यहाँ जगन्नाथ जी का सैंड आर्ट प्रेजेंटेशन, कोणार्क मंदिर का पहिया (Sun Dial) और ओडिशा के लोक नृत्य विशेष आकर्षण हैं।

मध्य प्रदेश स्टॉल: यहाँ कान्हा नेशनल पार्क को प्रदर्शित किया गया है, साथ ही मध्य प्रदेश की कला, शिल्प और पारंपरिक नृत्य भी मेले में देखने को मिलेंगे।

  1. पूर्वोत्तर राज्यों की सांस्कृतिक भागीदारी
    भारत के आठ उत्तर-पूर्वी राज्यों – असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम की सांस्कृतिक भागीदारी भी इस बार मेले में देखने को मिलेगी। इन राज्यों के पारंपरिक नृत्य, हस्तशिल्प, संगीत और खानपान के स्टॉल्स भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
  2. देशभर के हस्तशिल्प और उत्पादों की झलक
    मेले में विभिन्न राज्यों से आए कारीगरों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया है। यहाँ आप देख सकते हैं:
    •हाथ से बने वस्त्र
    •पारंपरिक आभूषण
    •लकड़ी की नक्काशीदार वस्तुएं
    •धातु कला और पेंटिंग्स
    •बांस और मिट्टी के उत्पाद

साथ ही, कई व्यावसायिक स्टॉल्स भी हैं, जहाँ घरेलू उपयोग की वस्तुएं, सजावटी सामान, फैशन आइटम्स और खानपान से जुड़े उत्पाद उपलब्ध हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और मनोरंजन
मेले में विभिन्न राज्यों के लोक नृत्य और संगीत प्रदर्शन भी देखने को मिल रहे हैं। नगाड़ा डांस, बिहू, गरबा, भांगड़ा, कालबेलिया, कठपुतली नृत्य और कई अन्य भारतीय लोक कलाओं का लाइव प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके अलावा, कई प्रसिद्ध कलाकारों को भी बुलाया जाता है, लेकिन उनके कार्यक्रम पेड इवेंट्स होते हैं।

बच्चों के लिए क्या है खास?
बच्चों के मनोरंजन के लिए विशेष झूले और एडवेंचर राइड्स उपलब्ध हैं, जिनका शुल्क ₹50 से ₹150 तक रखा गया है। इसके अलावा, एक विशेष टनल एक्वेरियम भी बनाया गया है, जहाँ बच्चों को रंग-बिरंगी मछलियों की विविधता देखने को मिलेगी। यहाँ का मरमेड डांस मुख्य आकर्षण में से एक है।

कैसे पहुंचे सूरजकुंड मेला?

  1. मेट्रो से कैसे जाएं?
    यदि आप दिल्ली मेट्रो से यात्रा कर रहे हैं, तो सबसे नजदीकी स्टेशन तुगलकाबाद या बदरपुर बॉर्डर (वॉयलेट लाइन) है। यहाँ से आप ₹20-₹30 में ई-रिक्शा या ऑटो लेकर मेले तक आसानी से पहुँच सकते हैं।
  2. बस से यात्रा
    दिल्ली, गुड़गांव और फरीदाबाद से हरियाणा रोडवेज और डीटीसी की बसें सूरजकुंड के लिए नियमित रूप से चलती हैं।
  3. निजी वाहन से आने वाले पर्यटकों के लिए पार्किंग सुविधा
    अगर आप अपने निजी वाहन से आ रहे हैं तो मेला परिसर में पर्याप्त पार्किंग स्पेस उपलब्ध है।

टू-व्हीलर पार्किंग शुल्क – ₹50
फोर-व्हीलर पार्किंग शुल्क – ₹100
इस बार पार्किंग सुविधा डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन) द्वारा संचालित की जा रही है।

सूरजकुंड मेले के टिकट की जानकारी

  1. टिकट दरें
    वीकडेज (सोमवार-शुक्रवार): ₹120 प्रति व्यक्ति
    वीकेंड (शनिवार-रविवार) और राजपत्रित अवकाश: ₹180 प्रति व्यक्ति
    छात्रों और पूर्व सैनिकों के लिए छूट (वीकडेज में): ₹80 (ID कार्ड दिखाना अनिवार्य)
    3 साल से छोटे बच्चों के लिए: निशुल्क
  2. ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट बुकिंग
    टिकट आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से खरीद सकते हैं।
    ऑफलाइन टिकट: एंट्री गेट नंबर 1 और मेट्रो स्टेशनों से मिल सकते हैं।
    ऑनलाइन टिकट: DMRC Momentum 2.0 ऐप और surajkundmela.co.in वेबसाइट से बुक किए जा सकते हैं।

खानपान के शौकीनों के लिए स्वर्ग
मेले के फूड कोर्ट में भारत के हर राज्य के पारंपरिक व्यंजन उपलब्ध हैं। यहाँ आप पंजाबी, बिहारी, राजस्थानी, हैदराबादी और दक्षिण भारतीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं।
सुविधाएं और सुरक्षा व्यवस्था
जगह-जगह वॉशरूम उपलब्ध हैं और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है।
6 ATM (2 मोबाइल ATM) भी लगाए गए हैं, जिससे कैश निकालने में कोई दिक्कत न हो।
ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा लगभग सभी दुकानों पर उपलब्ध है।

महत्वपूर्ण टिप्स
आरामदायक जूते और कपड़े पहनकर आएं।
गर्म हवाओं से बचने के लिए चश्मा या टोपी रखें।
पानी की बोतल साथ रखें।
छोटे बच्चों के लिए प्रैम ला सकते हैं, क्योंकि रास्ते सुगम हैं।

सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला न केवल भारत बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की सांस्कृतिक और व्यापारिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। यह मेला हस्तशिल्प कारीगरों को अपनी कला को प्रदर्शित करने और व्यापार को बढ़ावा देने का अवसर देता है। अगर आप कला, संस्कृति और स्वादिष्ट व्यंजनों के शौकीन हैं, तो यह मेला आपके लिए बेहतरीन अनुभव साबित हो सकता है।

सूरजकुंड की विडिओ देखने के लिए यहा क्लिक करे

https://youtu.be/bXgCXAOYvqM?si=xpx7y-57ZMmt9uHP

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